शनिवार, 19 दिसंबर 2020

उत्तर प्रदेश के बाल साहित्य लेखक : दिविक रमेश


1.      नाम:                    दिविक रमेश (वास्तविक: रमेश चंद शर्मा)

2.      जन्मतिथि और स्थान:      6 फरवरी, 1946 (वास्तविक: 28 अगस्त, 1946),

                        दिल्ली।

3.      शिक्षा:                         एम.ए. (हिंदी), पीएच.डी.

प्रकाशित पुस्तकें:                                  प्रमुख कृतियाँ: कविता संग्रह:वहाँ पानी नहीं है, माँ गाँव में है,    गेहूं घर आया है, खुली आँखों में आकाश, रास्ते के बीच, छोटा-सा हस्तक्षेप,हल्दी-चावल ऒर अन्य कविताएँ, बाँचो लिखी इबारत, वह भी आदमी तो होता है , फूल तब भी खिला होता काव्य-नाटक: खण्ड-खण्ड अग्नि आलोचना-शोध: नये कवियों के काव्य-शिल्प सिद्धांत, संवाद भी विवाद भी, कविता के बीच से, साक्षात त्रिलोचन,समझा-परखा, Some Aspects of Korean and Indian Literature हिंदी बाल-साहित्य:कुछ पड़ा, बाल साहित्य।

संस्मरण: यादें महकीं जब

अनुवाद : कोरियाई कविता-यात्रा, सुनो अफ्रीका, खलनायक (कोरियाई उपन्यास),कोरियाई बाल-कविताएं, और पेड़ गूंगे हो गए, कोरियाई लोक कथाएं, जादुई बाँसुरी और अन्य कोरियाई कथाएं।

संपादन : निषेध के बाद, हिन्दी कहानी का समकालीन परिवेश, बालकृष्णभट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, आंसांबल, दिशाबोध, दूसरा दिविक, प्रतिनिधि बाल कविता संचयन (साहित्य अकादेमी) आदि                           बाल साहित्य: कविता संग्रह : जोकर मुझे बना दो जी, 1980, हंसे जानवर हो हो हो, 1987, कबूतरों की रेल,1988,  छतरी से गपशप,1989,  अगर खेलता हाथी होली,2004 , तस्वीर और मुन्ना, 1997, मधुर गीत भाग-3 और भाग-4,1999,  अगर पेड़ भी चलते होते,2003,  खुशी लौटाते हैं त्योहार,2003,मेघ हंसेंगे जोर-जोर से, 2003 , एक सौ एक  बाल कविताएं (2008), 2012 , खूब जोर से बारिश आई (2009) , समझदार हाथी: समझदार चींटी, 2014,2015,बंदर मामा, 2014, 2015, छुट्कल- मुट्कल बाल कविताएं, 2016, मैं हूं दोस्त तुम्हारी कविता , 2018,2019 कहानी  संग्रह :धूर्त साधु और किसान,1984,  सबसे बड़ा दानी, 1992,  शेर की पीठ पर, 2003, बादलों के दरवाजे,2003,  घमंड की हार,2003,  ओह पापा, 2003, बोलती डिबिया,2003 (ग्रंथलोक) ,बोलती डिबिया, 2010 (नेशनल बुक ट्र्स्ट ),  ज्ञान परी, 2003, बादलों के दरवाजे,2003, गोपाल भांड के किस्से, 2008, से तेनाली राम से बीरबल, 2007, देशभक्त डाकू, 2011, लू लू की सनक, 2014 , अपने भीतर झांको, 2014 बचपन की शरारत ( सम्पूर्ण बाल-गद्य रचनाएं, 2016), मेरे मन की बाल कहाँनियाँ (2016), आँखें मूंदो नानी (2017),  स्टोरीज फॉर चिल्ड्रन, 1996 लोक कथाएं : सच्चा दोस्त, अभिरूचि प्रकाशन, दिल्ली ,1996, और पेड़ गूंगे हो गए (विश्व की लोक कथाएं), 1992, जादुई बांसुरी और अन्य कोरियाई कथाएं, 2009 , कोरियाई लोक-कथाएं, पीताम्बर पब्लिकेशन, दिल्ली, 2000, 2012 आत्मीय संस्मरण : फूल भी और फल भी (लेखकों से संबद्ध),1994, लू लू की सनक (कहानी संग्रह), 2014 ,  बचपन की शरारत ( सम्पूर्ण बाल-गद्य रचनाएं, 2016), मेरे मन की बाल कहाँनियाँ (2016), आँखें मूदों नानी (कहानी), वाणी प्रकाशन, 21 ए. अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली-110002 बाल नाटक :  बल्लू हाथी का बाल घर,  2012,राजकमल प्रकाशन प्रा.लि., नयी दिल्ली-110002), मुसीबत की हार (2016, भारतीय ज्ञानपीठ, 18, इंस्टीट्यूशनल एरिया, लोडी रोड, नयी दिल्ली-110003)।

 

4.      पुरस्कार /सम्मान:                 ::गिरिजाकुमार माथुर स्मृति पुरस्कार, 1997 (काव्य नाटक खण्ड खण्ड अग्नि पर), सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, 1984 (रास्ते के बीच ऒर खुली आंखों में आकाश पर),दिल्ली हिन्दी अकादमी का साहित्यिक कृति पुरस्कार, 1983(खुली आंखों में आकाश पर),दिल्ली हिन्दी अकादमी का साहित्यकार सम्मान 2003-2004एन.सी..आर.टी. का राष्ट्रीय बाल-साहित्य पुरस्कार, 1989(हंसे जानवर हो हो हो पर), दिल्ली हिन्दी अकादमी का बाल-साहित्य पुरस्कार, 1987 (कबूतरों की रेल पर),भारतीय बाल-कल्याण संस्थान, कानपुर का सम्मान 1991, बालकनजी बारी इंटरनेशनल का राष्ट्रीय नेहरू बाल साहित्य एवार्ड 1992,इंडो-रशियन लिटरेरी कल्ब, नई दिल्ली का सम्मान 1995, कोरियाई दूतावास से प्रशंसा-पत्र 2001(कोरियाई साहित्य के हिन्दी अनुवाद पर),अनुवाद के लिए भारतीय अनुवाद परिषद,दिल्ली  का द्विवागीश पुरस्कार (2009),भारतीय स्तर का श्रीमती रतन शर्मा बाल-साहित्य पुरस्कार, 2009(101 बाल कविताओं पर)उत्तर प्रदेश  हिंदी संस्थान का सर्वोच्च बाल साहित्य सम्मान बाल साहित्य भारती सम्मान,2013, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, 2018 (बाल साहित्य)।  

5.      पता/ मोबाइल नं.          एल-1202, ग्रैंड अजनारा हेरिटेज, सेक्टर-74, नोएडा-

                        201301, मो. 9910177099

6.      ई-मेल:                   divikramesh34@gmail.com

 

 


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